अफ्रीकी लोककथा
चीते को उसके निशान कैसे मिले?
अफ्रीका की यह परी कथा एक बेईमान शिकारी की कहानी है जिसने शिकार को आसान बनाने के लिए एक छोटे चीते को उसकी माँ से चुरा लिया। यह कहानी बताती है कि जीवन में ईमानदारी से काम करना कितना महत्वपूर्ण है।
एक समय की बात है, एक मोची
एक दिन, मोची ने देखा कि उसकी वर्कशॉप में चमड़े का सिर्फ एक ही टुकड़ा बचा है, जिससे जूते की सिर्फ एक ही जोड़ी बन सकती थी। हालांकि, वह हार मानने को तैयार नहीं था। वह हमेशा की तरह काम पर लग गया। चमड़े को टुकड़ों को काटा ताकि अगली सुबह उनसे एक जोड़ी जूते सिल सके। और शाम को जब उसने अपनी वर्कशॉप का दरवाजा बंद किया तो वह बहुत संतुष्ट महसूस कर
“तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा।”
मन ही मन उसने उस दिन हुईं सभी अच्छी और खूबसूरत चीजों के लिए धन्यवाद किया और बेफिक्र होकर
सुबह, मोची सूरज उगने के साथ उठा और जूते सिलने के लिए सीधे अपनी वर्कशॉप में
चमड़े के टुकड़े जो उसने बड़ी सावधानी से काटे और तैयार किए थे, अब उस मेज पर नहीं थे जिस पर वह काम कर रहा था। लेकिन मेज पर क्या था? एक बिल्कुल नए, चमकदार जूते
“मैंने तो इसे नहीं…