ग्रिम भाई
स्नो वाइट और सात बौने
यह एक दुनिया भर में प्रसिद्ध कहानी है जहाँ अच्छाई एक बार फिर बुराई पर जीत हासिल करती है। जब सुंदर स्नो वाइट बुरी रानी से भाग जाती है, तो जंगल के अंदर एक सादे से घर में रहने वाले सात बौने उसकी मदद करते हैं।


बहुत समय पहले की बात है, किसी दूर देश में एक शानदार महल था, जिसमें एक राजा, एक रानी और उनका बेटा, युवराज रहते थे।
राजा और रानी अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे और राजकुमार भी दिल का बहुत दयालु था - वह हमेशा दूसरों का ख्याल रखता था । वह माली, रसोइए और अन्य सेवकों से भी दो-चार मीठी बातें करने के लिए समय निकाल ही लेता था। इसी कारण सब उसे प्यार करते थे और पूरे राज्य में लोग सुख
समय बीतता गया और राजकुमार के विवाह की उम्र हो गई। लेकिन उसे अभी तक कोई ऐसी राजकुमारी नहीं मिली जो उसे पहली ही नज़र में भा गई हो। यह देखकर राजा और रानी चिंता करने लगे। उन्होंने राजकुमार की मुलाकात कई राजकुमारियों से करवाई, पर राजकुमार को उनमें से कोई भी पसंद नहीं आई। फिर भी राजा और रानी ने हार नहीं मानी और ज़्यादा कोशिश करने का फ़ैसला किया।
एक दिन राजा और रानी ने राजकुमार से कहा, “प्यारे बेटे, हमने पूर्वी राज्य की एक सुंदर राजकुमारी को महल में भोज के लिए बुलाया है। वह कल यहाँ आ रही है। शायद वह तुम्हें पसंद आ जाए।” माता-पिता की आँखों में आशा की चमक थी। राजमहल में उनके स्वागत में एक शानदार दावत का आयोजन हुआ। जितनी तरह के पकवान तुम सोच सकते हो, उतनी तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाए गए। वहाँ तो यूनिकॉर्न जैसी धारियों वाली आइसक्रीम भी थी!
अगले दिन दोपहर को महल के सामने एक सुंदर, सजा हुआ रथ आकर रुका। रथ के भीतर से घंटियों जैसी मधुर हँसी
महल पहुँचते ही उत्साह में वह राजकुमारी सीधे लॉन से होती हुई दौड़ी और फूलों की क्यारियों पर…