एक समय की बात है, एक राज्य था। वहाँ के राजा और रानी न्यायपूर्वक और दयालुता से शासन करते थे। जल्दी ही शाही दंपत्ति के यहाँ एक सुंदर बच्ची का जन्म हुआ। उन्हें लंबे समय से एक संतान की प्रतीक्षा थी। बच्ची के बाल काले कौवे जैसे थे, होंठ ख़ून जैसे लाल, और त्वचा बर्फ़ सी सफेद। इसलिए उन्होंने उसका नाम स्नो वाइट रखा। लेकिन दुख की बात यह थी कि राजकुमारी के जन्म के तुरंत बाद ही रानी की मृत्यु हो गई।
साल बीते, और राजा ने अपने लिए एक नई पत्नी ढूँढ़ ली। शाही शादी बड़ी
धूमधाम से मनाई गई। नई रानी बेहद खूबसूरत तो थी ही, पर साथ ही बहुत घमंडी और चालाक भी थी। मगर कोई उसके असली रूप नहीं जानता था कि वह वास्तव में कितनी दुष्ट थी।
रानी के पास एक जादुई दर्पण था, जिसे उसने सबसे छुपाकर अपने महल के एक कमरे में रख रखा था। वह अक्सर उससे बातें करती।
हर रात सोने से पहले, वह उससे पूछती, “दर्पण, दर्पण, दीवार पर लगे, बताओ दुनिया में सबसे सुंदर कौन तुम्हें लगे? और दर्पण हमेशा सच्चाई से उत्तर देता।
“मेरी रानी, आप ही हैं इस दुनिया में सबसे सुंदर।”
एक दिन राजा बीमार पड़ गए और बहुत यत्नों के बाद भी कुछ ही दिनों में चल बसा। पूरे राज्य में शोक का माहौल फैल गया और सभी लोग अपने प्रिय राजा को खोकर रोने लगे। राजा की पत्नी, रानी, अब उसके स्थान पर एक बेरहम शासक बन गई।
उस दिन से स्नो व्हाइट महल में अकेली उस दुष्ट चुड़ैल के साथ रहने लगी। जब वह अठारह वर्ष की हुई, तो एक। दिन रानी ने अपने कमरे में लगे जादुई दर्पण के सामने बैठकर, अपने बालों को सुनहरे कंघे से संवारते हुए पूछा, “दर्पण, दर्पण, दीवार पर लगे, बताओ दुनिया…