सोफी छोटे बच्चों के स्कूल जाती है। उसके घुंघराले बाल हैं और उसकी मम्मी अक्सर उसकी चोटियाँ बनाती हैं। हर रोज़ सोफी अपनी दो गुड़ियों लिज़ और लूसी का बहुत ध्यान रखती है। लेकिन उसे सबसे ज़्यादा जिस चीज़ का इंतज़ार है, वो था एक असली बच्चे की देखभाल करने का, और साथ ही अपनी गुड़ियों की भी!
उसके मम्मी-पापा ने उसे बताया है कि जल्द ही उसके घर एक नन्हा मेहमान आने वाला है – उसका छोटा भाई।
रात को सोने से पहले, सोफी ने उत्सुकता से अपनी मम्मी से पूछा, "मम्मी, मेरा छोटा भाई कब पैदा होगा?"
उसकी मम्मी ने मुस्कुराते हुए अपने गोल पेट की तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा, "पता नहीं, लेकिन बहुत जल्द, मेरी प्यारी बिटिया। अब सो जाओ, मीठे सपनों में खो जाओ," कहकर उन्होंने उसे प्यार से चूमा। फिर उन्होंने कमरे की बत्ती बुझाई और वहाँ से बाहर चली गईं।
सोफी अपनी नर्म रज़ाई में लिपटी, अपनी दोनों प्यारी गुड़ियाओं को गले लगाकर तुरंत सो गई।
सुबह अचानक एक अजीब आवाज़ से सोफी की नींद खुली। उसे ऐसा भी लगा जैसे कहीं से सायरन की तेज़ आवाज़ आ रही हो। वह झटपट बिस्तर से कूदी और खिड़की से झांका। सच में घर के बाहर एक एंबुलेंस खड़ी थी, और एक सफेद कोट पहना आदमी उसकी मम्मी का हाथ पकड़कर उन्हें अंदर बैठने में मदद कर रहा था!
सोफी घबराकर कमरे से बाहर भागी। उसने देखा कि उसके पापा भी तैयार होकर बाहर निकल रहे थे। उन्होंने जैकेट और जूते पहन रखे थे, लेकिन आज जब उन्होंने सोफी को देखा तो उनके चेहरे पर मुस्कान नहीं थी।
उन्होंने जल्दी से कहा, "मैं मम्मी के साथ जा रहा हूँ, चिंता मत करो। मैं जल्दी वापस आऊँगा। दादी रसोई में तुम्हारा इंतज़ार कर रही हैं, उन्होंने तुम्हारे लिए नाश्ता बनाया है।"…