वह फिर से वहां मौजूद था- कीटाणुओं का वह गिरोह - टॉयलेट सीट पर बैठा हुआ, सभी मोटे और बालों वाले थे। अपने छोटे-छोटे पैने दांतों और पंजों के साथ, अपने छोटे-छोटे हाथों में सूक्ष्म जीवों को पकड़े और टोपी पहने हुए थे। कुछ टोपियां टेढ़ी-मेढ़ी थीं, और वे काफी खुश और मस्ती में दिख रहे थे!
अफसोस की बात तो यह थी कि एक ही जगह पर बैठे-बैठे वे ऊब गए थे और किसी यात्रा पर जाने का अवसर मिलने का इंतजार करते-करते थक गए थे। अगले ही पल, बाथरूम की लाइट जली। कुछ क्षण बाद, नन्हा जेक सावधानी से टॉयलेट सीट पर बैठ गया।
“दोस्तो, चलो!” सबसे बड़ा, सबसे मोटा कीटाणु चिल्लाया। बाकी कीटाणुओं ने खुशी-खुशी उसकी बात मानी। वे सभी आगे बढ़े और जेक के हाथों की हथेलियों पर कूद पड़े। उन्होंने उसे कसकर पकड़ लिया और अपनी जकड़ से छूटने नहीं दिया।
“वाह! आखिरकार हमें कोई कारनामा करने को मिल गया!” वे एक स्वर में खुशी से चिल्लाए। लेकिन सबसे बड़े कीटाणु ने तुरंत बीच में ही टोक दिया।
“इतनी जल्दी खुश होने की जरूरत नहीं, दोस्तो। अगर लड़के ने बाद में अपने हाथ धो लिए तो? हमारा रोमांच तुरंत खत्म हो जाएगा।”
काम हो जाने के बाद लड़का टॉयलेट सीट से उठा और फ्लश किया। जैसे ही वह वॉश बेसिन के पास पहुंचा, कीटाणु यह सोचकर चिंतित हो उठे कि जेक आगे क्या करेगा। उनमें से कुछ ने घबराहट में उसकी हथेली को काट लिया। ईईईई, वह अपने हाथ धोएगा या नहीं?
अहा! कीटाणु अब जश्न मना सकते थे, क्योंकि जेक ने हाथ नहीं धोए। अच्छी खुशबू वाले साबुन पर ध्यान दिए बिना, वह बेसिन के पास से गुजरा और सीधे किचन में चला गया। जेक की हथेलियों पर बैठे कीटाणु रोमांचित थे, जोरदार जयघोष कर रहे थे…