कल्पना कीजिए कि हम सब एक कैम्पफायर के चारों ओर बैठे हैं। उमस भरी गर्मियों की एक शाम है। दूर आसमान में सूरज धीरे-धीरे ढल रहा है, और लालिमा से भरा आकाश अब धीरे-धीरे गहराता जा रहा है। रात चुपचाप हमारी ओर बढ़ रही है और धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपने अंधेरे की चादर में लपेटने लगी है।
एक गिटार ने अभी-अभी अपनी आखिरी धुन छेड़ी है और हमारे सामने आग सुलग रही है। हम शाम भर इसमें लकड़ियाँ डालते रहे हैं, लेकिन अब वक्त आ गया है कि इसे खुद-ब-खुद बुझ जाने दें। देखो, कैसे उसकी लपटें छोटी होती जा रही हैं और धीरे-धीरे छोटी-छोटी चिंगारियों में बदलती जा रही हैं। ये चिंगारियाँ थोड़ी देर तक अंगारों के बीच धीरे-धीरे उड़ती रहेंगी।
आखिरकार, आखिरी लपट भी बुझ गई है। कभी-कभार राख के ढेर से कोई चिंगारी बाहर निकलती है। देखो, अचानक चारों ओर कितना अंधेरा हो गया है। सब कुछ शांत है, अंगारे ठंडे पड़ने लगे हैं। अब सोने का समय हो गया है।
आओ, अपने स्लीपिंग बैग्स में घुस जाएँ और आसमान को निहारें। देखो, कितने सारे तारे निकल आए हैं। ऐसा लग रहा है जैसे हमारी आग से उठी चिंगारियाँ आसमान में जा बसी हों मानो चमकते मोतियों की तरह बिखर गई हों।
एक गहरी साँस लो, आँखें बंद करो, और कल्पना करो कि उन सितारों में से एक तुम्हारे स्लीपिंग बैग में उतर आया है ताकि आकाश से तुम्हें थोड़ी गरमाहट लाकर दे सके। एक छोटा-सा तारा धीरे-धीरे तुम्हारे पैरों तक आता है और धीरे से तुम्हारे तलवों पर गुदगुदी करता है। तुम अपने पूरे शरीर में यह सुखद गरमाहट धीरे-धीरे महसूस कर सकते हो। तुम्हारे पैर अब भारी और शांत हो गए हैं।
अब वह तारा कूदकर तुम्हारे पेट पर चढ़ आया है। यह जादुई गरमाहट तुम्हारी नाभि से कंधों…