ये चींटियों के लिए!

8
 मिनट
5
+
4.79
 • 
10918
 मूल्यांकन
काली और लाल चींटियाँ प्राकृतिक रूप से दोस्त नहीं होतीं। लेकिन जब एक भयंकर तूफान जंगल में आता है, तो यह हमारी कहानी के सभी कीड़ों को प्रभावित करता है। दोनों चींटी गुट समान रूप से खतरे में पड़ जाते हैं। ये कट्टर दुश्मन अपने मतभेद भुलाने के आदी नहीं हैं, लेकिन अचानक वे खुद को जीवित रहने के लिए एकजुट पाते हैं। आइए देखें कि वे अपनी दुश्मनी को कैसे सुलझाते हैं...
आप इस परियों की कहानी को मुफ्त में PDF के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं और इसे प्रिंट कर सकते हैं। Readmio ऐप में, आपके पास हर परियों की कहानी के लिए यह विकल्प उपलब्ध है। डाउनलोड:
ये चींटियों के लिए!
QR kód
इस कहानी को ऐप में खोलने के लिए इस QR कोड को स्कैन करें।
Mio की टिप
🔊 हाइलाइट किए गए शब्दों पर टैप करें ताकि ध्वनियाँ चल सकें

एक शाम, काली चींटियों का एक झुंड अपने घर, अपनी बांबी की तरफ़ जा रहा था। पूरे दिन तिनके और पाइन की सूइयाँ लाते-लेजाते उनका दिन काफ़ी व्यस्त बीता था, और अब वे बस अपने बिस्तर में घुस एक अच्छी नींद लेने के लिए बेहद उत्सुक थे।

मगर तभी, अचानक, उनमें से एक को पुराने बलूत के पेड़ के नीचे एक बड़ी, रसीली रसभरी दिखाई दी। उसने तुरंत अपने काफ़ी सारे दोस्तों को मनाया कि वो उसे ले कर आने उसके साथ चलें। और रानी चींटी ऐसा तोहफा लाने के लिए उन्हें ज़रूर धन्यवाद देंगी!

मगर जैसे ही वे रसभरी के चारों और खड़े हुए, उन्हें नन्हे कदमों की पेड़ के तने से नीचे मार्च करते हुए आने की आवाज़ सुनाई दी। लाल चींटियों की फौज तेज़ी से चलती उनके पास आ रही थी!

अब ऐसा है, कि सब जानते हैं कि काली चींटियों और लाल चींटियों में दोस्ती नहीं है। काली चींटियाँ ईमानदारी से काम करती हैं, बाँबियाँ बनाती हैं और अपनी रानी को खिलाती हैं, जबकि लाल चींटियों को जंगल का डाकू माना जाता है

यूँ तो काली चींटियाँ शांत स्वभाव की प्राणी हैं, मगर वह इस रसभरी के लिए बहादुरी से लड़ने लगे । लाल चींटियाँ गिनती में ज़्यादा थीं, मगर क्योंकि वे एक टीम की तरह काम नहीं कर रही थीं, उनकी ताकत कम पड़ने लगी। काली चींटियाँ लड़ाई जीत गईं

उन्होंने तुरंत किसी तरह से रसभरी को अपने कंधों पर उठाया और इससे पहले की डाकू उनपर हमला करते, वहाँ से भाग गईं। एक बार जब वे अपनी बांबी पर पहुँच गईं, तो रानी के लिए यह तोहफ़ा लाने के लिए उन्हें पुरस्कार मिला। रात को अच्छा खाना खाकर, आखिरकार वो सोने जा सके ।

मगर उस रात, जंगल में एक तेज़ तूफ़ान आया। हवा पेड़ों के बीच से…

Tuto a další pohádky najdete v Readmio

... पूरी कहानी Readmio में पाएं।

Readmio एक ऐप है जो परियों की कहानियों और सोने से पहले की कहानियों से भरा हुआ है। आपकी आवाज़ से सक्रिय होने वाली ध्वनियों के साथ, ये कहानियाँ और भी जीवंत हो जाती हैं। कई कहानियाँ मुफ्त हैं, और हर हफ्ते नई कहानियाँ जोड़ी जाती हैं।

मुफ़्त में आज़माएं

iOS, Android और वेब के लिए उपलब्ध है

Download from App StoreDownload from Google Play
RatingsRatingsRatingsRatingsRatings

4.8/5 · 10 000 मूल्यांकन

श्रेणी में और भी देखें लघु कथाएँ

ध्रुवीय भालुओं की पूँछ छोटी क्यों होती है?

ध्रुवीय भालुओं की पूँछ छोटी क्यों होती है?

5
 min
3
+
4.62

यह किंवदंती बताती है कि बहुत पहले, ध्रुवीय भालुओं की लंबी और रोएँदार पूंछ होती थी। एक भालू बहुत भूखा था और उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं था, जब तक कि उसके दोस्त लोमड़ी ने उसे ठंड में मछली पकड़ने का तरीका नहीं बताया। लेकिन वह कभी एक भी मछली नहीं पकड़ पाया - और यहाँ तक कि उसकी पूंछ भी नहीं बची। कहानी स्कैंडिनेविया के कठोर वातावरण का वर्णन करती है, और यह बताती है कि लालच क्यों सफल नहीं होता।

गर्वित चेरी का पेड़

गर्वित चेरी का पेड़

9
 min
5
+
4.76

चेरी के पेड़ को अपने सुंदर फूलों पर बहुत गर्व है जिसकी बगीचे के अन्य पेड़ भी प्रशंसा करते हैं। वह अपने सुंदर फूलों को दुनिया की किसी भी चीज के लिए नहीं बदलेगा- वे बर्फ की तरह सफेद और नाजुक हैं! लेकिन फिर जब एक क्राइसोपर्ली कीट से उसकी बात होती है तो अचानक वह महसूस करता है कि जीवन में गर्व से ज्यादा महत्वपूर्ण चीजें हैं।

सदाबहार पेड़ कभी अपने पत्ते क्यों नहीं खोते

सदाबहार पेड़ कभी अपने पत्ते क्यों नहीं खोते

8
 min
3
+
4.82

शरद ऋतु में कुछ पेड़ों के पत्ते क्यों गिर जाते हैं, लेकिन कुछ के नहीं? जानें सर्दियों की इस प्यारी सी परी कथा में। क्रूर उत्तरी हवा और कुछ मददगार पेड़ों से मिलें जो टूटे पंख वाली एक छोटी सी रॉबिन को अपने घर में ले जाते हैं। उन्हें उनकी दयालुता के लिए एक अप्रत्याशित इनाम मिलता है!