Tereza Sebesta
एक नदी
मिलिए एक दोस्ताना नदी से, सुनिए इसकी कहानी और इसके साथ गाँवों-खेतों से होते हुए इसके सफ़र पर चलिए। यह शांत और सुंदर कहानी बच्चों को प्रकृति के जल चक्र के बारे में सिखाने के लिए एकदम सही सोने के समय के लिए कहानी है।
उत्तर दिशा से एक ज़बरदस्त हवा चल
समुद्र के ऊपर, वो ऐसी ऊँची लहरें
यहाँ तक कि परिव्राजक पक्षी भी रास्ता बदल लेते थे, क्योंकि इतनी ताक़तवर हवा के ख़िलाफ़ उड़ना उनके पंखों को थका देता था।
एक दिन, ज़मीन से बहुत ऊँचाई पर उड़ते हुए, उत्तरी हवाओं की मुलाक़ात सूरज से हो गई। हवा ने चमकते हुए सूरज का मज़ाक उड़ाते हुए घमंड से कहा, "बेहतर होगा कि तुम मेरे रास्ते से हट जाओ, वरना मैं तुम्हें इतनी दूर उड़ा दूँगा कि तुम इस ज़मीन पर फिर कभी रोशनी नहीं डाल पाओगे!" उसने धमकाया।
लेकिन सूरज को हवा की ये धमकी बिल्कुल पसंद नहीं आई। वह हवा को ख़ुद से ऐसे बात नहीं करने दे सकता था क्योंकि वो भी कोई कम ताक़तवर नहीं था। बस फिर क्या था, दोनों आपस में झगड़ने लगे कि ज़्यादा
हवा तो तुरंत एक धूल भरी आँधी चलाकर अपनी ताक़त दिखाना चाहती थी, लेकिन सूरज ने उसे रोक लिया। बल्कि उन्होंने एक शर्त लगाई: जो पहले उस आदमी का कोट उतरवा देगा, वही होगा ज़्यादा ताक़तवर।
तो पहले हवा ने शुरू किया अपना खेल। वो तीर्थयात्री के…