हैलोवीन बस आने ही वाला था, और टेड से अब और इंतज़ार नहीं हो रहा था। साल का यह समय उसका पसंदीदा था। स्कूल में, वह और उसके दोस्त आनेवाली छुट्टियों के लिए अभी से कपड़े तैयार करने में लगे थे। टेड ने तय किया था कि इस साल वह एक भूत बनेगा। उसे घर में एक सफेद चादर मिल गई थी और वह शाम के समय उसे ओढ़कर भूत जैसे उड़ने का प्रयत्न करता।
उसकी मम्मी अभी-अभी बाज़ार से घर आई थी। “टेडी, देखो मैं क्या लाई हूँ!” उन्होंने एक बड़ा सा नारंगी रंग का कद्दू मेज़ पर रखा और अपने बेटे को आवाज़ दी।
टेड बगीचे से दौड़ता हुआ अंदर आया। उसके पापा ने भी किचन में झांककर देखा। जब उन्होंने कद्दू को देखा तो उसे देख ख़ुश हो गए। “बहुत बढ़िया लग रहा है,” उन्होंने कहा, “कल हम इसे तराशकर घर के बाहर सजावट के लिए रखेंगे।“
टेड अपनी ख़ुशी छुपा नहीं पा रहा था। “क्या हम इसे आज ही अंदर से साफ़ कर तराश नहीं सकते? प्लीज़?” उसने विनती की।
उसके मम्मी पापा ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुराए: “ठीक है, टेड,” दोनों उसकी बात मान कर बोले, “पर तुम्हें मदद करनी होगी।“
टेड तुरंत काम पर लग गया। उसके पापा ने कद्दू का ऊपरी सिरा एक तेज चाकू से काट अलग किया, फिर टेड ने एक बड़ा चम्मच लिया और उसे अंदर से ख़ाली करने लगा। जहाँ-जहाँ अंदर से कद्दू सख्त था, वहाँ उसके पापा मम्मी ने मदद कर दी। आखिरकार, सबने मिलकर हैलोवीन के लिए एक डरावना चेहरा बना लिया जिसकी बड़ी-बड़ी आँखें, नुकीले त्रिकोण सी नाक और बड़े-बड़े दांतों वाली मुस्कान थी।
“इसके अंदर एक मोमबत्ती जला के देखते हैं। पता तो चले यह कैसा दिखता है,” टेड ने सुझाया।
वह और उसके माता-पिता मोमबत्ती ढूंढने में…