एक समय की बात है, एक महिला थी। वह अकेली रहती थी और उसे बहुत मन से एक बच्चे की चाह थी। उसका घर सबसे नज़दीकी गाँव से काफी दूर था। वह ज़्यादातर समय अपने बाग़ और फलों के बाग़ीचे की देखभाल में बिताती थी। उसकी एकमात्र दोस्त एक अच्छी जादूगरनी थी। जादूगरनी को पूरा विश्वास था कि वह महिला एक बेहतरीन माँ बनेगी, इसलिए एक दिन उसने उसे एक बीज तोहफे में दिया, लेकिन उसने और कुछ नहीं बताया।
"जो भी हो," जादूगरनी ने कहा, "तुम्हें इस बीज की बहुत अच्छे से देखभाल करनी होगी। इसे सबसे अच्छी मिट्टी में लगाना, सबसे साफ़ पानी से सींचना, और सबसे ज़रूरी, इससे बातें करना।"
शुरू में तो महिला को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वह इस छोटे से तोहफे की देखभाल को लेकर बहुत उत्साहित थी।
जादूगरनी के जाने के बाद, महिला ने ठीक वैसा ही किया जैसा उसे बताया गया था। उसने अपने सबसे सुंदर गमले को निकाला, मिट्टी में एक छोटा सा गड्ढा खोदा, और प्यार से बीज उसमें डाल दिया। उसने उसे पानी दिया और अपने दिन की सारी बातें उससे साझा कीं। जल्द ही उसने देखा कि वह बीज अंकुरित हो गया है, बल्कि वह पौधा बाकी सब पौधों से कहीं तेज़ी से बढ़ने लगा। दो दिन में ही उसमें एक छोटी सी कली भी आ गई।
"तुम कितने प्यारे फूल हो!" महिला ने उस कली से कहा और प्यार से उसकी बंद पंखुड़ियों को छुआ। अचानक, फूल पूरी तरह खिल गया। महिला हैरान रह गई: उस छोटे से पीले फूल के अंदर एक नन्ही सी, सोती हुई लड़की थी।
"क्या ये वाकई में हो सकता है?" महिला ने सोचा। "क्या मुझे आखिरकार वो बेटी मिल गई जिसकी मुझे हमेशा से चाह थी?" उत्साहित, महिला ने उस बच्ची को उठाया और अपनी…