पहाड़ों के अंदर गहराई में, एक छोटी सी धारा है जो एक ऊँची पहाड़ी से निकलती है। लेकिन यह कोई साधारण धारा नहीं है — इसमें जादुई ताकत है। हर रात यह अपनी लय में गुनगुनाती है और जंगल के सभी जीवों को सपनों की दुनिया में ले जाती है।
आज रात, यह हमें भी अपना साथी बना रही है। तो चलो, अपनी आँखें कसकर बंद करें और कल्पना करें कि हम एकदम छोटे-छोटे हो गए हैं। हम एक ताज़ा गिरे हुए बलूत के पत्ते पर एक दूसरे से लग कर बैठे हुए हैं और इस धारा की सतह पर धीरे-धीरे बह रहे हैं।
जैसे-जैसे हम चाँदनी की रोशनी में तैरते जा रहे हैं, हमारा पूरा शरीर आराम महसूस कर रहा है। हम अपने हाथ-पैरों को ढीला छोड़ देते हैं और इस नर्म बहती धारा को हमें बहा ले जाने देते हैं। हमारा शरीर शिथिल है और मन भी शांत हो गया है।
अब हमारी साँसें भी धीमी हो रही हैं। हम साँस लेते हैं... और छोड़ते हैं। साँस लो... छोड़ो। साँस लो... छोड़ो। फिर से, धीरे-धीरे।
बलूत का पत्ता इस शांत धारा पर बहता जा रहा है, हमें जंगल के बीचों-बीच एक जादुई यात्रा पर ले जाते हुए। हमें अभी भी सूरज की आखिरी किरणें झलकती दिख रही हैं, और उनके पीछे-पीछे एक शांत, प्यारी रात धीरे-धीरे उतर रही है।
अब हम एक सपाट पत्थर के पास पहुँच रहे हैं जहाँ एक छोटा मेंढ़क बैठा है। वह पूरे दिन की मेंढक वाली शरारतों के बाद थका हुआ महसूस कर रहा है। सोने से पहले, वह हमारा इंतज़ार कर रहा है ताकि हम उसे हाथ हिलाकर शुभ रात्रि कहें और उसके लिए मीठे सपनों की कामना करें। अब दिन की रोशनी की जगह काले आसमान में लाखों चमकते सितारे आ गए हैं।…