जैक की मां ने सामने का दरवाजा बंद किया, और उसे घर पर अकेला छोड़ दिया। उसे यह कभी अच्छा नहीं लगता है। खासकर जब उसकी तबीयत ठीक नहीं होती है। इससे वह लगभग रो पड़ा। बहुत बढ़िया सर्दी का दिन था, लेकिन फ्लू होने के कारण वह घर पर ही रहने को मजबूर था। इससे भी बुरी बात यह थी कि वह अपनी स्केटिंग क्लास में भी नहीं जा सका। ओह, वह कितना चाहता था कि वह कम से कम थोड़ी देर के लिए तो बाहर जा सके!
निराश होकर, वह बिस्तर पर लेट गया और बाहर उठ रहे बर्फानी तूफान को उफान भरते हुए देखने लगा। खिड़की के बाहर मुलायम रूई जैसे बर्फ के टुकड़े घूम रहे थे, जो धीरे-धीरे सड़कों पर बिछ रही बर्फ की चादर पर जाकर बैठ रहे थे।
तभी घूमते हुए बर्फ के टुकड़ों के बीच एक चेहरा दिखाई दिया। जैक को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ, इसलिए उसने खुद को जोर से च्यूंटी काटी। लेकिन चेहरा अभी भी वहीं था- और वह मुस्कुरा भी रहा था।
जैक ने अपनी सारी हिम्मत जुटाई और पूछा: “तुम क्या हो?”
बर्फ के चेहरे ने कहा: "मैं फ्रॉस्ट हूं। मैं कुछ समय से देख रहा हूं और मैं देख सकता हूं कि तुम कितने दुखी हो। इसलिए मैं तुम्हें खुश करने आया हूं। मैं आमतौर पर रात में काम करता हूं। लेकिन मैं आज मैं उस नियम को तोड़ तुम्हारे लिए आया हूं।"
बर्फ के टुकड़ों ने चित्र बनाने वाला एक बर्फीला ब्रश निकला। आश्चर्यचकित, जैक ने देखा कि उसकी खिड़की का कांच बर्फ से बने फूलों की तस्वीरों से भर गया है।
"क्या तुम्हें ये पसंद आए?" फ्रॉस्ट ने उत्सुकता से पूछा।
"बहुत अच्छे लगे मुझे!" जैक ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया।
"तो यह देखो," फ्रॉस्ट ने शरारत से जैक को आंख…