आज हम एक ऐसे फार्म का दौरा करने जा रहे हैं, जहाँ कई तरह के जानवर
हल्की ठंडी हवा अब भी आस-पास के हरे मैदानों में बह रही है और नरम घास और फूलों को हल्के से सहला रही है। वे धीरे-धीरे उसकी लय में झूम रहे हैं और अपनी पंखुड़ियाँ बंद
आओ, ज़रा खलिहान के अंदर झाँकते हैं। वहाँ एक सफेद और भूरे रंग की गाय रहती है, जिसकी बड़ी-बड़ी भूरी आँखें हैं और जिसकी गर्दन में एक घंटी बँधी हुई है। प्यार से उसके सिर को सहलाओ। वह हल्की-सी अंगड़ाई लेने लगती है और जल्द ही एक नर्म कोना ढूँढेगी अपनी आखरी
तालाब में तैरती बतखें भी सोने की तैयारी कर रही हैं। वे अपने पंखों को अच्छे से साफ़ कर के संवार रही हैं ताकि वे अपनी थकी हुई गर्दन को उनमें छुपाकर मीठी नींद ले सकें। तालाब की सतह पर हल्की-हल्की लहरें हैं जो उन्हें झूला झुला
हम भी जल्द सोने चलेंगे। लेकिन पहले एक बार नन्हे सूअरों को देख लेते हैं। वे…