

एक खरगोश
खरगोश दिशा बदलता रहा और खेत की रुकावटों को पार करता रहा ताकि वह ईगल का शिकार जितना हो सके मुश्किल बना दे। वह इस तरफ दौड़ा और उस तरफ भागा, और बचने की कोशिश करता रहा।
मगर फिर भी, वह ईगल की पकड़ से बच नहीं सका और जल्द ही उस पक्षी ने उसे अपने विशाल पंजों
इस सब के दौरान, एक छोटा लाल कीड़ा दूर से उन्हें देख रहा था। वह बहुत समय से खरगोश का दोस्त था और उन्होंने एक-दूसरे की रक्षा करने का वादा किया था, हालाँकि खरगोश कभी सोच भी नहीं सकता था कि इतना छोटा कीड़ा उसकी किसी चीज़ से रक्षा कैसे करेगा! लेकिन अब समय आ गया था कि कीड़ा दिखाए कि उसकी ताकत कहाँ है।
उसने बादलों में उड़ते ईगल की ओर ज़ोर से
लेकिन ईगल सिर्फ हँसा। उसका तो खरगोश को ज़िंदा छोड़ने का कोई इरादा था ही नहीं। छोटा सा कीड़ा ग़ुस्से से भर गया। वह उस पेड़ तक गया जहाँ ईगल का घोंसला था, वह पूरी ऊँचाई तक चढ़ा और जब ईगल आसमान में खरगोश को लेकर उड़ रहा था तो…